उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार यानी आज कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है और सनातन धर्म के खिलाफ खतरे से लड़ने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण एक मंजिल नहीं बल्कि मील का पत्थर है।
अयोध्या दौरे के दूसरे दिन मुख्यमंत्री ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के प्रथम अध्यक्ष ब्रह्मलीन परमहंस रामचंद्र दास को उनकी 21वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। आदित्यनाथ ने दास की एक प्रतिमा का अनावरण भी किया। महीनों तक चले सरकार विरोधी प्रदर्शन के बाद शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि आज भारत के पड़ोस में हर जगह उथल-पुथल है। मंदिर तोड़े जा रहे हैं। हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है। फिर भी हम यह पता लगाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं कि वहां ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति क्यों पैदा हुई।
उन्होंने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि अगर समाज अतीत में की गई गलतियों से नहीं सीखता है, तो उसका भविष्य खतरे में है। सनातन धर्म पर आए खतरे से निपटने के लिए फिर से मिलकर काम करने की जरूरत है। इसके लिए मिलकर लड़ने की जरूरत है। अयोध्या में “500 साल के इंतजार” के बाद राम मंदिर निर्माण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक मंजिल नहीं बल्कि मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि इस मील के पत्थर को आगे भी जारी रखना होगा क्योंकि सनातन धर्म की ताकत इन सभी अभियानों को नई गति देती है। इससे पहले आदित्यनाथ ने दास की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख नेता दास को श्रद्धांजलि देने में उनके साथ कई श्रद्धालु भी शामिल हुए। आदित्यनाथ सरयू घाट/रामकथा पार्क स्थित स्मारक पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मंत्री सूर्य प्रताप शाही और महंत सुरेश दास समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए। आदित्यनाथ ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के प्रमुख नृत्य गोपाल दास महाराज से भी मुलाकात की और उनकी कुशलक्षेम पूछी।