नई दिल्ली (पीटीआई)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा कि भारत ने चीन को हमेशा यह कहा है कि सीमा के मुद्दे बातचीत से हल किए जा सकते हैं। भारतीय सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में मौजूदा हालात पर प्रभावशाली ढंग से अपनी स्थिति को बरकरार रखा है।
भारतीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वहां पर पर्याप्त और प्रभावशाली तरीके से सैन्य बलों की तैनाती की गई है। पूर्वी लद्दाख स्टैंडऑफ पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पैंगोंग सो से सैन्य बलों को पीछे हटाने की बात पर चीन के साथ सहमति बन चुकी है।
भारत-चीन अग्रिम तैनाती से पीछे चरणबद्ध तथा प्रमाणिक तरीके से हटेंगे
पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी इलाके से भी सेनाओं को हटाने की बात पर चीन के साथ सहमति बन चुकी है। दोनों पक्ष सेनाओं की अग्रिम तैनाती से पीछे चरणबद्ध और प्रमाणिक तरीके से हटेंगे।
एलएसी पर सेनाओं की तैनाती व पेट्रोलिंग को लेकर कुछ समस्याएं अब भी
राजनाथ सिंह ने कहा कि वे सदन को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमने कुछ नहीं खोया है। उन्होंने कहा कि वे सदन को सूचित करना चाहते हैं कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सेनाओं की तैनाती और पेट्रोलिंग को लेकर कुछ समस्याएं अब भी हैं।
भारत अपनी सुरक्षा और अखंडता को लेकर प्रतिद्ध
दोनों पक्ष जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी सैन्य बलों को पूर्वी लद्दाख से हटाने पर सहमत हैं। चीन को यह पता है कि भारत अपनी संप्रभुता के लिए प्रतिबद्ध है। उम्मीद है कि चीन बचे हुए मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझा लेगा। लद्दाख को लेकर रक्षा मंत्री ने कहा कि वे सदन को देश की संप्रभुता, एकता, अखंडता और सुरक्षा को लेकर सारा राष्ट्र एकसाथ खड़ा है। भारत अपनी एक इंच जमीन पर भी किसी को पैर नहीं रखने देगा।
पैंगोंग से सेनाएं पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू
रक्षा मंत्री ने कहा कि पैंगोंग एरिया से सेना पीछे हटने के 48 घंटे बाद मिलीटरी कमांडरों की बैठक पर सहमति बन गई है। चीन की तरफ उनकी सेना फिंगर 8 में नाॅर्थ बैंक एरिया से पूर्व की तरफ रहेंगी। भारतीय सेना फिंगर 3 के पास धन सिंह थापा स्थित स्थाई पोस्ट पर तैनात रहेंगी। चीन से आगे बातचीत होती रहेगी। दोनों देशों में सेनाओं के पीछे हटाने पर सहमति बन गई है। पैंगोंग लेक एरिया से सेनाओं के पीछे हटने की कार्रवाई बुधवार से शुरू हो चुकी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि वे चाहते हैं कि पूर्वी लद्दाख में प्रतिकूल मौसम के बावजूद धैर्य और साहस दिखाने वाले सैन्य बलों के प्रति आभार व्यक्त करने में पूरा सदन मेरे साथ शामिल हो।